वर्षों से एक ही पंचायत में जमे हैं रोजगार सहायक, महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा अंतर्गत की गई रोजगार सहायकों की भर्ती

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 झाबुआ(सुनील डाबी )  किसी भी सरकारी विभाग में अधिकारी-कर्मचारी को अधिकतम तीन वर्ष तक एक स्थान पर रखने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायकों पर भी लागू होता है।महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा अंतर्गत पदस्थ पंचायतों के रोजगार सहायक लगभग 13 वर्षों से एक ही पंचायत में जमे हुए है। इन रोजगार सहायको का स्थानांतरण नहीं होने से पंचायतों में भ्रष्टाचार हावी है। जब कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में रोजगार सहायकों के ट्रांसफर किये जाने के आदेश के परिपालन में अलीराजपुर जिले में रोजगार सहायकों के स्थानांतरण हुए है उसी तर्ज पर झाबुआ जिले की मेघनगर जनपद में भी 13 साल से एक ही पंचायत में जमे रोजगार सहायको का स्थानांतरण होना चाहिए।



*महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा अंतर्गत की गई रोजगार सहायकों की भर्ती*

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना मध्य प्रदेश में वर्ष 2008 से लागू है। इस योजना को मनरेगा योजना के नाम से भी जाना जाता है। मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यों की संचालन तथा देखरेख एवं रिकॉर्ड संरक्षण करने के साथ ही विभागीय योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्राम रोजगार सहायक का पद सृजित किया गया था। मनरेगा योजना अंतर्गत प्रत्येक ग्राम वासी परिवार को 1 वर्ष में न्यूनतम 100 दिवस का रोजगार प्रदान करने की गारंटी दी जाती है। इस योजना अंतर्गत मध्य प्रदेश कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक जॉब कार्ड जारी किया गया जिसके आधार पर किए गए कार्य की गणना एवं मजदूरी भुगतान किया जाना है


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